Astrology

Mesh Lagn Me Dhan Yog

MeshLagna Me Dhanyoga: 4 धन योग इसको भी जानें

MeshLagna Me Dhanyoga: 4 धन योग इसको भी जानें [ Astrologer Sanjeev Kumar Chaturvedi- 7983159910] MeshLagna Me Dhanyoga: 4 धन योग इसको भी जानें: जयसियाराम मित्रो, आज हम अपने पाठकों को मेष लग्न की कुण्डली में बनने वाले विभिन्न प्रकार के धन योगों के बारे में बतलाएंगे लेख ज्यादा लंबा न हो इसके लिए हम …

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Today Aries Horoscope for November 11, 2023

Today Aries Horoscope for November 11, 2023 Today Aries Horoscope for November 11, 2023 Today is a day to take action and make progress towards your goals. You are feeling confident and motivated, so make the most of it. Get started on that project you’ve been putting off, or finally put in for that promotion …

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मेष लग्न और ये 4 ग्रह, अब और क्या चाहिए ?

मेष लग्न और ये 4 ग्रह, अब और क्या चाहिए ? जय सियाराम मित्रों।आज के कार्यक्रम “मेष लग्न और ये 4 ग्रह, अब और क्या चाहिए।” में, हम आपको, मेष लग्न के अंदर, उन ग्रहों के प्रभाव के बारे में बताएंगे, जो कुण्डली के भाव विशेष में होने से, सफल और प्रभावी होते हैं। इस …

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Aries मेषलग्न: ज्योतिष की 1 (प्रथम) राशि का सशक्त वर्णन

प्रिय पाठकों, आज हम यहाँ पर Aries मेषलग्न के बारे में चर्चा करेंगे, इस चर्चा में हम Aries मेषलग्न का पूरी तरह खुलासा करेंगे जिससे पाठकों को मेष लग्न के बारे में छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी जानकारी प्राप्त हो सके।

सिंह (ज्योतिष) | Leo (astrology)

सिंह (ज्योतिष) | Leo (astrology)

सिंह (ज्योतिष) | Leo (astrology) आज हम पाठकों को सिंह (ज्योतिष) | Leo (Astrology) इस लेख के माध्यम सी सिंह राशि के बारे में जानकारी देंगे। जो जातक सिंह राशि अथवा सिंह लग्न से सम्बन्ध रखते हैं उनके लिए यह लेख उपयोगी रहेगा ऐसा मेरा विश्वास है। सिंह (ज्योतिष) | Leo (Astrology) का मतलब एक …

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मेष लग्न की कुंडली में सूर्य – Mesh Lagn Kundali me Surya (Sun)

मेष लग्न की कुंडली में सूर्य मेष लग्न की कुंडली में सूर्य मेष लग्न के आठवें भाव मे सूर्य का फल: प्रिय पाठकों अभी तक हम सूर्य के मेष लग्न में सप्तम भाव में बैठने तक का मानव जीवन पर क्या प्रभाव होता है इसकी जानकारी ले चुके हैं, आज इसी कड़ी में हम यह …

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मेष लग्न के सातवें भाव में सूर्य का फल

मेष लग्न के सातवें भाव में सूर्य का फल

मेष लग्न के सातवें भाव में सूर्य का फल मेष लग्न के सातवें भाव में सूर्य का फल जय सियाराम मित्रों! हमने इससे पहले वाले लेख में मेष लग्न के छठे भाव में सूर्य देव के बैठने पर जातक को क्या परिणाम प्राप्त होते हैं, इसके ऊपर प्रकाश डाला था उस लेख में अंतिम पंक्तियों …

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मेष लग्न के छठवें भाव में सूर्य का फल

मेष लग्न के छठवें भाव मे सूर्य

मेष लग्न के छठवें भाव मे सूर्य मेष लग्न के छठवें भाव मे सूर्य ज्योतिष में छठवां भाव अच्छा नहीं माना जाता इस भाव से रोग, शत्रु और उधार के पैसे का विचार किया जाता है, जिसकी वजह से इस भाव को अच्छे भागों में नहीं गिना जाता। मेष लग्न हो और सूर्य छठवें में …

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Chat GPT: चैट जीपीटी Hindi Me

Chat GPT: चैट जीपीटी Hindi Me Chat GPT: चैट जीपीटी Hindi Me क्या है ये चैट जीपीटी ? यह सवाल अक्सर उस समय मन मे आता है जब कहीं पर भी चैट जीपीटी की बात होती है। इसको जिसने यूज़ किया है का कहना है कि यह आने वाले समय में गूगल का प्रमुख प्रतिद्वन्दी …

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मेष लग्न के पंचम भाव में सूर्य का फल

मेष लग्न में सूर्य का फल

मेष लग्न में सूर्य का फल मेष लग्न में सूर्य का फल: प्रिय पाठकों जय सियाराम, आज हम आपकी मेष लग्न हो और सूर्य पंचम भाव में बैठे हों तो, इसका जातक के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ेगा। इसके ऊपर चर्चा करने वाले हैं। जैसा कि आप लोगों को ज्ञात है मेष लग्न में सूर्य …

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शुक्र 06 अप्रैल 2023 से बनाएंगे मालव्य राजयोग, खुलेगी इन राशियों की किस्मत

शुक्र 06 अप्रैल 2023 से बनाएंगे मालव्य राजयोग, खुलेगी इन राशियों की किस्मत शुक्र 06 अप्रैल 2023 से बनाएंगे मालव्य राजयोग, खुलेगी इन राशियों की किस्मत: जी हां आप लोगों ने सही पढ़ा, नवग्रहों में शामिल शुक्र 6 अप्रैल 2023 से एक ऐसा योग बनाएंगे जिसको ज्योतिष में “मालव्य पंच महापुरुष योग” के नाम से …

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मेष लग्न के चौथे भाव में सूर्य का प्रभाव

मेष लग्न के चौथे भाव में सूर्य का प्रभाव प्रिय पाठको जयसियाराम, आज हम मेष लग्न के में सूर्य बैठे हों तो कैसा प्रभाव जातक के जीवन पर होगा इसके बारे में चर्चा करेंगे, मेष लग्न के छुआते भाव में सूर्य के होने का मतलब है, सूर्य चन्द्रमा की राशि पर विराजमान हैं, और सूर्य …

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मेष लग्न के दूसरे भाव में सूर्य देव का फल

मेष लग्न के दूसरे भाव में सूर्य देव का फल

मेष लग्न के दूसरे भाव में सूर्य देव का फल मेष लग्न के दूसरे भाव में सूर्य देव का फल मेष लग्न के चार्ट के दूसरे घर में सूर्य के बैठने पर सूर्य पंचम भाव का स्वामी होकर दूसरे भाव में विराजमान होने से वृषभ राशि में बैठा होगा इस स्थिति में व्यक्ति पर कई …

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आकाश गंगा और ज्योतिष

आकाश गंगा और ज्योतिष आकाशगंगा और ज्योतिष का आपस में गहरा रिश्ता है। ज्योतिष शास्त्र गैलेक्सी में स्थित अपने सौर मंडल में ग्रहों की चाल के बाद जीवों पर पड़ने वाले प्रभाव की व्याख्या करता है। हमारा सौर मंडल आकाशगंगा के बाहरी भाग में स्थित है, और यह आकाशगंगा के केंद्र की परिक्रमा कर रहा …

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ग्रहों की तात्कालिक मैत्री

ग्रहों की तात्कालिक मैत्री ये लाइन अधिकतर सभी ने सुनी होगी, पिछले लेख में मैंने अपने सभी पाठकों को नैसर्गिक मैत्री के बारे में बताया था। आज उसकी कड़ी में हम आपको तात्कालिक मैत्री के बारे में बताएँगे और साथ की इसकी ज्योतिष में क्या उपयोगिता है? महत्व क्या है ? और साथ ही साथ …

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ग्रहों की नैसर्गिक मैत्री

ग्रहों की नैसर्गिक मैत्री

ग्रहों की नैसर्गिक मैत्री, तात्कालिक मैत्री ये शब्द तकरीबन उन सभी मित्रों ने पढ़े व सुने होंगे जो ज्योतिष में रुचि रखते हैं या जो अपनी कुण्डली किसी प्रबुद्ध ज्योतिषी को दिखाते हैं। आज अपने प्रसंशको और आलोचकों के लिए ये पोस्ट लिख रहे हैं जिसमे हम नैसर्गिक मैत्री के ऊपर चर्चा करेंगे। नैसर्गिक मैत्री …

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Today’s Horoscope | आज का राशिफल

Today’s Horoscope | आज का राशिफल सभी प्रबुद्ध पाठकों को जयसियाराम,पिछले लेख में हमने चर्चा की थी कि किस प्रकार एक प्रबुद्ध ज्योतिषी राशिफल की भविष्यवाणी अथक परिष्रम के साथ करते हैं, और वो पूरी तरह से आपके ऊपर फिट नहीं बैठती, आज हम Today’s Horoscope | आज का राशिफल के नाम से इस लेख …

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Aries Today | आज की मेष राशि

आज की मेष राशि (Aries Today) प्रिय पाठको नमस्कार, जैसा की शीर्षक में लिखा है आज का मेष राशि फल और आप इसका अर्थ ढूंढ रहे हैं, तो आप बिलकुल सही स्थान पर हैं, Aries Today नाम से गूगल पर बहुत सी सर्च आती हैं उनसे आप संतुष्ट हुए या नहीं ये नहीं पता लेकिन …

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कुण्डली से जाने: शरीर कैसा होगा

जयसियाराम मित्रो, जैसा कि ऊपर शीर्षक से पता चल रहा होगा कि आज का टॉपिक है “कुण्डली से जाने शरीर कैसा होगा“, आज कल इंटरनेट का उपयोग हर तरफ देखने को मिल रहा है। ऐसी अवस्था मे अगर कोई दूर बैठा जातक अपने शरीर के बारे में कोई प्रश्न करता है, तब अक्सर देखा जाता …

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कुण्डली के भाव उनसे जानने योग्य बातें

जयसियाराम,पाठको ज्योतिष एक ऐसा विषय है कि इसके बारे में जितना जाने उतना कम जहाँ से जो भी ज्ञान मिले ले लेना ही सबसे सफल ज्योतिषी का सबसे बड़ा गन है, हमारे नियमित पाठकों में से बहुत से पाठक इस विषय में पूर्ण ज्ञान रखते होंगे लेकिन ये लेख ज्ञानी महानुभावों के लिए तो सिर्फ …

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सूर्य देव का फल कथन 

प्रिय पाठको जय सियाराम, पाठकों के द्वारा बड़ी संख्या में ये प्रश्न पूँछे जाते हैं कि, सूर्य देव ग्रहों में राजा हैं और इनके द्वारा कुण्डली में दिए जाने वाले फल किस प्रकार देखे जाते है. सूर्यदेव का कारकत्व  सूर्य देव हमारी कुंडली में किस स्थान पर बैठे हैं ? उसी अनुसार फल भी देते हैं इनके द्वारा स्थान विशेष का क्या फल …

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ग्रह कब हो जाते हैं वक्री

ग्रह कब हो जाते हैं वक्री प्रिय पाठको, जयसियाराम, आज हम बात करने वाले हैं ग्रहों के वक्री होने पर ग्रहों का वक्री होना और वक्री से मार्गी होना आम बात है कभी हम सुनते रहते हैं कि यह ग्रह मार्गी से वक्री हो रहा है, तो कभी सुनने में आता है कि यह ग्रह …

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सिंह राशि का विवरण

सिंह राशि का विवरण जयसियाराम, सभी पाठकों को मेरा नमस्कार मित्रों इससे पहले वाले लेख में मैंने कर्क राशि के ऊपर काफी कुछ लिखा था, मुझे विश्वास है कि आप लोगों की समझ में आया होगा, आज उसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए हम आगे की राशि सिंह राशि का विवरण के बारे में चर्चा …

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कर्क राशि का विवरण

कर्क राशि का विवरण प्रिय पाठकों जय सियाराम संजीव चतुर्वेदी का आप सब को नमस्कार !              जो मेरे नियमित पाठक हैं, मुझे पता है कि वह मेरे द्वारा लिखे गए लेखों का बड़ी ही बेसब्री के साथ इंतजार करते रहते हैं आपका स्नेह इसी प्रकार मिलता रहे यही कामना है।    …

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मिथुन राशि का विवरण

मिथुन राशि का विवरण   नमस्कार जयसियाराम प्रिय पाठको !             अभी तक आपको वृषभ राशि के बारे में बता दिया है जो पाठक इस ब्लॉग पर नए हैं उनकी सुविधा हेतु मैं बता दूं की भचक्र की पहली राशि मेष का गठन अश्वनी नक्षत्र के चार चरण, भरणी नक्षत्र के चार …

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इस राशि वालों को शनिदेव देते हैं छप्पर फाड़ के / “वृषभ राशि” का विवरण

इस राशि वालों को शनिदेव देते हैं छप्पर फाड़ के  मेरे प्रिय पाठकों को “ज्योतिष संजीव चतुर्वेदी” का नमस्कार जय सियाराम,              मेरे प्रिय पाठको, जैसा कि पिछले लेख में मैंने लिखा था कि अगले लेख में मैं वृषभ राशि के ऊपर विस्तृत लेख लिखूँगा उसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए यह लेख …

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हमारा सौरमंडल और ” वृषभ राशि”

हमारा सौरमंडलऔर “वृषभ राशि“   प्रिय पाठको जय सियाराम,      अब तक हमने पहले तीन नक्षत्र अश्विनी, भरणी, कृत्तिका (अश्विनी के 4 चरण, भरणी के 4 चरण और कृत्तिका के प्रथम) चरण के युग्म से बनने वाली ज्योतिष शास्त्र की प्रथम राशि मेष के बारे में जानकारी प्राप्त की थी उसी क्रम में हम आगे की …

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मेष राशि का विवरण

 मेष राशि का विवरण  नमस्कार जय सियाराम प्रिय पाठकगण ! पिछले लेख में हमने अपने पाठकों को ये बताया था कि मेष राशि का भचक्र पर कितना फैलाव है और इसका निर्माण किन नक्षत्रो के मिलने से होता है जो पाठकगण इस वेबसाइट पर नवीन हैं वो हमारे पुराने लेखों को अवश्य पढ़ें आपको हर …

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स्वयं जाने आपका नाम अक्षर

 स्वयं जाने आपका नाम किस अक्षर से है सही    नमस्कार जय सियाराम प्रिय पाठकगण ! पिछले लेख में हमने अपने पाठकों को ये बताया था कि २७ नक्षत्र कौनसे होते हैं और उनके स्वामी कौन होते हैं आज उसी को आगे बढ़ा रहा हूँ प्रिय पाठको हमने आपको अबतया था की एक नक्षत्र का …

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नक्षत्र और उनके स्वामी

27 नक्षत्र और उनके स्वामी   नमस्कार जय सियाराम प्रिय पाठकगण ! पिछले लेख में हमने अपने पाठकों को ये बताया था कि ज्योतिष में कुल 27 नक्षत्र और एक अभिजीत नक्षत्र होता है, ज्योतिष में जो 27 नक्षत्र होते हैं उनका स्वामित्व 9 ग्रहों के पास होता है जिनका नाम क्रमशः सूर्य, चंद्र, मंगल, …

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लग्न भाव में सूर्य देव का फल

सूर्य का लग्न भाव में फल  सभी नियमित एवं नए पाठकों को मेरा जयसियाराम,         प्रिय पाठको सूर्य के बारे में चर्चा कर रहे हैं जो की धीरे-धीरे आगे बढ़ रही है जिन पाठकों ने पुराने लेख नहीं पढ़े हैं उनसे मेरा निवेदन है कि वो मेरे ब्लॉग पर लिखे गए पुराने लेखों …

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सूर्य ग्रह कारक और फल

सूर्य के कारक और फल  प्रिय पाठकों को मेरा जयश्रीराम इस लेख के माध्यम से हम आपको ये बताने के प्रयत्न करेंगे की हमारे सौर मंडल का मुख्य ग्रह सूर्य है और वह कुंडली में सबसे तेज वान है इस सूर्य से कुंडली में क्या क्या विचार किया जाता है ये कुंडली में किस किस का इस्थिर …

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ग्रहों की मूल त्रिकोण राशि / Basic triangle zodiac sign / सूर्य/चंद्र/मंगल/बुध/बृहस्पति/शुक्र/शनि/राहु/केतु /Sun / Moon / Mars / Mercury / Jupiter / Venus / Saturn / Rahu / Ketu

ज्योतिष और ज्ञान ग्रहों की मूल त्रिकोण राशि प्रिय पाठको जयसियाराम, जैसा की लेख का शीर्षक है ” ग्रहों की मूल त्रिकोण राशि ” इससे आपक ये तो समझ ही चुके हैं की आज का जो विषय है वो इन्ही मूल त्रिकोण राशियों पर आधारित है, ये जो लेख मैं लिखता हूँ ये उन पाठकों …

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Kemdrum Dosh

कुंडली में लग्न भाव / लग्न / लग्न भाव / प्रथम भाव / कुंडली / Ascendant house in lagna / lagna / lagna bhava / first house / horoscope

प्रिय पाठकों को ज्योतिष संजीव कुमार चतुर्वेदी का नमस्कार ! जो भी पाठक ज्योतिष विषय में रूचि रखते हैं उनके लिए यहाँ पर जो पाठ हैं उनको आप पढ़ सकते हैं और यूट्यूब पर आप मेरा चैनल “Rahashya Grahona Ka” को सब्सक्राइब कर सकते हैं उसका लिंक में नीचे दे दूँगा जिस विषय के ऊपर यहाँ …

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कुंडली में सूर्य का बलाबल

कुंडली में सूर्य का बलाबल  सूर्य    जयसियाराम प्रिय पाठको  इस समस्त संसार में हर व्यक्ति अपने आने वाले भविष्य के बारे में जानने के लिए बड़ा ही उत्सुक रहता है और अपनी जिज्ञासा को शांत करने के लिए वह क्षेत्रीय, राज्य, देश एवं विश्व प्रसिद्ध ज्योतिषियों से इसके बारे में परामर्श करता है अगर कोई …

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राशियाँ और उनके स्वामी

bhaktikathain / kathain / kahaniyan / bhakt राशियाँ और उनके स्वामी जयसियाराम पाठकों सौरमण्डल में 12 राशियाँ है और सौरमण्डल का जो भचक्र है उसका मान 360 अंश है इस गणित से देखा जाए तो 360/12=30 अंश की एक राशि होती है। सौरमण्डल में दिखने वाले ग्रह इन राशियों के स्वामी है तो आइए आपको …

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ग्रहों की दृष्टियां

ग्रहों की दृष्टियां प्रिय पाठको जयसियाराम ! मैं जो लेख यहाँ पर प्रकशित करता हूँ वह कुछ पाठकों के लिए रसहीन हो सकते हैं किंतु वो पाठक जो ज्योतिष को जानना ओर समझना चाहते हैं उनके लिए ये लेख संजीवनी हो सकते हैं, मेरा प्रयास है कि आप मेरे इन छोटे लेखों से ज्योतिष के …

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Guru transit 2019

bhaktikathain / kathain / kahaniyan / bhakt es’k jkf”k vkidh jkf”k esa xq: dk xkspj uoe Hkko ;kuh vkids HkkX; Hkko ij gS ftlds QyLo:Ik vkidks HkkX; dk lkFk vk”kk ls vf/kd izkIr gksxk vkidk eu vk/;kRe vkSj iwtk ikB esa [kwc yxsxk vkidks /keZ LFkkuksa dh ;k=k;sa djus dks Hkh feysaxh] tks tkrd mPp …

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Jyotish Tutorials, #ज्योतिष पाठशाला# #ज्योतिष सीखें#

bhaktikathain / kathain / kahaniyan / bhakt ज्योतिष सीखें  ज्योतिष शास्त्र सच मैं बहुत ही विशाल समुद्र है जिसकी थाह पाने की कोशिश अनेक ऋषि मुनियों ने की है और उनके ज्ञान से लाभान्वित होकर हमारे जैसे कई लोगो ने अपना भविष्य ज्योतिष में सवारा है जो सृंखला बहुत दिनों से अधूरी थी आज से उसको आगे …

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“केमद्रुम दोष” क्या देगा ? दरिद्रता

प्रिय पाठको आप लोगों ने कई ज्योतिषियों के मुख से केमद्रुम दोष का नाम सुना होगा ये दोष जिस कुंडली में बनता है उस जातक या जातिका का जीवन बहुत दरिद्रता में कटता है उसका स्वस्थ भी उत्तम नहीं रहता सुख चाहे वो शारीरक हो, मानसिक हो या आर्थिक सभी जगह इस दोष के दुष्परिणाम …

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पाठकों से निवेदन

bhaktikathain / kathain / kahaniyan / bhakt पाठकों से निवेदन                     प्रिय पाठको बहुत दिनों से मेरे द्वारा कोई लेख मेरे ब्लॉग पर नहीं आया था, जिससे मेरे कुछ नियमित पाठक मुझसे नाराज है और उन्होंने मुझे बोला कि आप अपना लेखन अनवरत चालू रखें, तो उनके सुझाव को …

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गृह और उनके कारक

bhaktikathain / kathain / kahaniyan / bhakt गृह और उनके कारक  सभी ग्रह केकारक उस ग्रहके प्रभावों कोप्रदर्शित करने मेंसहायक होते हैं. नौ ग्रहों मेंसे जब कोईभी ग्रह अपनेप्रभाव देता हैतो उसे समझनेके लिए उसकेकारकों पर दृष्टिडालनी आवश्यक होतीहै अतः जो गृह जिसका विचारक है वो निम्न लिखित है।  सूर्य ग्रह आत्मा, स्वयं शक्ति, सम्मान, …

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वैदिक वशीकरण

bhaktikathain / kathain / kahaniyan / bhakt कामदेव और उसकीउपासना मनचाहे प्यार को पाने के लिए बसंत पंचमी को करें रति एवं कामदेव की पूजा जैसा की आप सभी को पता है कि बसंत पंचमी ( माघ मास शुक्ल पक्षी की पंचमी ) के दिन माता सरस्वती की पूजा अर्चना करने का विधान है अगर …

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चंद्र गृह और उसकी उपासना

चंद्र गृह और उसकी उपासना  चंद्रमाका जन्म सुंदर चमकीले चंद्रमा कोदेवताओं के सामानही पूजनीय मानागया है। चंद्रमाके जन्म कीकहानी पुराणों मेंअलग–अलग मिलतीहै। ज्योतिष औरवेदों में चन्द्रको मन काकारक कहा गयाहै। ये सोलह कलाओं से परिपूर्ण हैं। इनके एक हाथ में गदा और दूसरे हाथ में वरमुद्रा है।  मंथन में निकले १३ अन्य रत्न इनके सहोदर …

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रम्भा अप्सरा और उसकी उपासना

रम्भा अप्सरा और उसकी उपासना चिर यौवन और निरोगी काया देती है ये उपासना पुराणोंमें रंभा काचित्रण एक प्रसिद्ध अप्सरा के रूपमें हुआ है।उसकी उत्पत्ति देवताओंऔर असुरों द्वाराकिए गए विख्यात सागर मंथन सेमानी जाती है।वह पुराण और साहित्य में सौंदर्यकी एक प्रतीक बन चुकीहै। इंद्र ने इसेअपनी राजसभा केलिए प्राप्त कियाथा। उसने एकबार रंभा कोऋषि विश्वामित्र की तपस्याभंग करने केलिए भेजा था।महर्षि ने उसेएक सहस्त्र वर्षतक पाषाण केरूप में …

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शुक्र गृह व उसकी उपासना

शुक्र गृह व उसकी उपासना  शुक्र देव   शुक्र जिसका संस्कृत भाषा में एक अर्थ है शुद्ध, स्वच्छ, भृगु ऋषि के पुत्र एवं दैत्य–गुरु शुक्राचार्य का प्रतीक शुक्र ग्रह है। भारतीय ज्योतिष में इसकी नवग्रह में भी गिनती होती है। यह सप्तवारों में शुक्रवार का स्वामी होता है। यह श्वेत वर्णी, मध्यवयः, सहमति वाली मुखाकृति के होते हैं। इनको ऊंट, घोड़े या मगरमच्छ पर सवार दिखाया जाता है। ये हाथों में दण्ड, कमल, माला और कभी–कभार धनुष बाण भी लिये रहते हैं.उषानस एक वैदिक ऋषि हुए हैं जिनका पारिवारिक उपनाम था काव्य (कवि के वंशज, अथर्व वेद अनुसार जिन्हें बाद में उषानस शुक्र कहा गया)शुक्र नाम उच्चारण में शुक्ल से मिलता हुआ है जिसका अर्थ है श्वेत या उजला यह ग्रह भी श्वेत वर्ण का उज्ज्वल प्रकृति का ही है,यह नाम तृतीय मनु के सप्तऋषियों में से एक वशिष्ठ के पुत्र मरुत्वत का है।हविर्धन के एक पुत्र भव के अन्तर्गत्त यही मनु भौत्य आते हैं।उषानस नाम धर्मशास्त्र के रचयिता का भी है। दैत्यगुरु शुक्राचार्य शुक्र कवि ऋषि के वंशजों की अथर्वन शाखा के भार्गव ऋषि थे,श्रीमद्देवी भागवत के अनुसार इनकी माँ काव्यमाता थीं,शुक्र कुछकुछ स्त्रीत्व स्वभाव वाला ब्राह्मण ग्रह है,इनका जन्म पार्थिव नामक वर्ष (साल) में श्रावण शुद्ध अष्टमी को स्वाति नक्षत्र के उदय के समय हुआ था,कई भारतीय भाषाओं जैसे संस्कृत, तेलुगु, हिन्दी, मराठी, गुजराती, ओडिया, बांग्ला, असमिया एवं कन्नड़ में सप्ताह के छठे दिवस को शुक्रवार कहा जाता है,शुक्र ऋषि अंगिरस के अधीन शिक्षा एवं वेदाध्ययन हेतु गये, किन्तु अंगिरस द्वारा अपने पुत्र बृहस्पति का पक्षपात करने से वे व्याकुल हो उठे,तदोपरांत वे ऋषि गौतम के पास गये और शिक्षा ग्रहण की,बाद में इन्होंने भगवान शिव की कड़ी तपस्या की और उनसे संजीवनी मंत्र की शिक्षा ली। यह विद्या मृत को भी जीवित कर सकती है। इनका विवाह प्रियव्रत की पुत्री ऊर्जस्वती से हुआ और चार पुत्र हुए: चंड, अमर्क, त्वस्त्र, धारात्र एवं एक पुत्री देवयानी,इस समय तक बृहस्पति देवताओं के गुरु बन चुके थे,शुक्र की माता का वध कर दिया गय आथा, क्योंकि उन्होंने कुछ असुरों को शरण दी थी जिन्हें विष्णु ढूंढ रहे थे। इस कारण से इन्हें विष्णु से घृणा थी, शुक्राचार्य ने असुरों और दैत्यों का गुरु बनना निश्चित किया और बने तब इन्होंने दैत्यों को देवताओं पर विजय दिलायी और इन युद्धों में शुक्र ने मृतसंजीवनी से मृत एवं घायल दैत्यों को पुनर्जीवित कर दिया था,एक अन्य कथा के अनुसा भगवान विष्णु ने जब वामन अवतार लिया था, तब वे त्रैलोक्य को दानस्वरूप ग्रहण करने राजा बलि के पास पहुंचे,विष्णु ने प्रह्लाद के पौत्र महाबलि से वामन के छद्म रूप में दान स्वरूप त्रैलोक्य ले लेने का प्रयास किया किन्तु शुक्राचार्य ने उन्हें पहचान लिया और राजा को आगाह कियाहालांकि राजा बलि अपने वचन का पक्का था और वामन देवता को मुंहमांगा दान दिया शुक्राचार्य ने बलि के इस कृत्य पर अप्रसन्न होकर स्वयं को अत्यंत छोटा बना लिया और राजा बलि के कमण्डल की चोंच में जाकर छिप गये इसी कमण्डलु से जल लेकर बलि को दान का संकल्प पूर्ण करना था तब विष्णु जी ने उन्हें पहचान कर भूमि से कुशा का एक तिनका उठाया और उसकी नोक से कमण्डलु की चोंच को खोल दिया इस नोक से शुक्राचार्य की बायीं आंख फ़ूट गयी तब से शुक्राचार्य काने ही कहलाते हैं,शुक्राचार्य की पुत्री देवयानी को विवाह प्रस्ताव हेतु बृहस्पति के पुत्र कच ऋषि ने ठुकरा दिया था कालांतर में उसका विवाह ययाति से हुआ और उसी से कुरु वंश की उत्पत्ति हुई,महाभारत के अनुसार शुक्राचार्य भीष्म के गुरुओं में से एक थे इन्होंने भीष्म को राजनीति का ज्ञानकराया था। ज्योतिष में शुक्र  भारतीय ज्योतिष के अनुसार शुक्र लाभदाता ग्रह माना गया है यह वृषभ एवं तुला राशियों का स्वामी है शुक्र मीन राशि में उच्च भाव में रहता है और कन्या राशि में नीच भाव में रहता है बुध और शनि शुक्र के सखा ग्रह हैं जबकि सूर्य और चंद्र शत्रु ग्रह हैं तथा बृहस्पति तटस्थ ग्रह माना जाता है ज्योतिष के अनुसार शुक्र रोमांस, कामुकता, कलात्मक प्रतिभा, शरीर और भौतिक जीवन की गुणवत्ता, धन, विपरीत लिंग, खुशी और प्रजनन, स्त्रैण गुण और ललित कला, संगीत, नृत्य, चित्रकला और मूर्तिकला का प्रतीक है जिनकी कुण्डली में शुक्र उच्च भाव में रहता है उन लोगों के लिए प्रकृति की सराहना करना एवं सौहार्दपूर्ण संबंधों का आनंद लेने की संभावना रहती है। हालांकि शुक्र का अत्यधिक प्रभाव उन्हें वास्तविक मूल्यों के बजाय सुख में बहुत ज्यादा लिप्त होने की संभावना रहती है शुक्र तीन नक्षत्रों का स्वामी है: भरणी, पूर्वा फाल्गुनी और पूर्वाषाढ़ा, कुण्डली में शक्ति वाले भाव : द्वितीय, तृतीय, सप्तम एवं द्वादश कुण्डली में अशक्त भाव : छठा एवं अष्टम कुण्डली में मध्यम शक्ति भाव : प्रथम, चतुर्थ, पंचम, नवम, दशम एवं एकादश शुक्र का महत्त्व शुक्र जीवनसंगी, प्रेम, विवाह, विलासिता, समृद्धि, सुख, सभी वाहनों, कला, नृत्य, संगीत, अभिनय, जुनून और काम का प्रतीक है शुक्र के संयोग से ही लोगों को इंद्रियों पर संयम मिलता है और नाम व ख्याति पाने के योग्य बनते हैं,शुक्र के दुष्प्रभाव से त्वचा पर नेत्र रोगों, यौन समस्याएं, अपच, कील,मुहासे, नपुंसकता, क्षुधा की हानि और त्वचा पर चकत्ते हो सकते है,वैदिक ज्योतिष के अनुसार ग्रहीय स्थिति दशा होती है, जिसे शुक्र दशा कहा जाता है यह जातक पर २० वर्षों के लिये सक्रिय होती है यह किसी भी ग्रह दशा में सबसे लंबी होती है, इस दशा में जातक की जन्मकुण्डली में शुक्र सही स्थान पर होने से उसे कहीं अधिक धन, सौभाग्य और विलासिता सुलभ हो जाती है इसके अलावा कुण्डली में शुक्र अधिकतर लाभदायी ग्रह माना जाता है। शुक्र हिन्दू कैलेण्डर के माह ज्येष्ठ का स्वामी भी माना गया है। यह कुबेर के खजाने का रक्षक माना गया है। शुक्र के प्रिय वस्तुओं में श्वेत वर्ण, धातुओं में रजत एवं रत्नों में हीरा है इसकी प्रिय दशा दक्षिणपूर्व है, ऋतुओं में वसंत ऋतु तथा तत्त्व जल है,चंद्र मंडल से २ लाख योजन ऊपर कुछ तारे हैं इन तारों के ऊपर ही शुक्र मंडल स्थित है, जहां शुक्र का निवास है इनका प्रभाव पूरे ब्रह्मांड के निवासियों के लिये शुभदायी होता है तारों के समूह के १६ लाख मील ऊपर शुक्र रहते हैं यहां शुक्र लगभग सूर्य के समान गति से ही चलते हैं कभी शुक्र सूर्य के पीछे रहते हैं, कभी साथ में तो कभी सूर्य के आगे रहते हैं शुक्र वर्षाविरोधी ग्रहों के प्रभाव को समाप्त करता है परिणामस्वरूप इसकी उपस्थिति वर्षाकारक होती है अतः ब्रह्माण्ड के सभी निवासियों के लिये शुभदायी कहलाता है। यह प्रकाण्ड विद्वानों द्वारा मान्य तथ्य है शिशुमार के ऊपरी चिबुक पर अगस्ति और निचले चिबुक पर यमराज रहते हैं; मुख पर मंगल एवं जननांग पर शनि, गर्दन के पीछे बृहस्पति एवं छाती पर सूर्य तथा हृदय की पर्तों के भीतर स्वयं नारायण निवास करते हैं इनके मस्तिष्क में चंद्रमा तथा नाभि में शुक्र तथा स्तनों पर अश्विनी कुमार रहते हैं इनके जीवन में वायु जिसे प्राणपन कहते हैं बुध है, गले में राहु का निवास है पूरे शरीर भर में पुच्छल तारे तथा रोमछिद्रों में अनेक तारों का निवास है। शुक्र का रत्न हीरा है उपरत्न में जरकन है।  ख़राब शुक्र के उपाय  इस ग्रह के पीड़ित होने पर ग्रह शांति के लिए व्यक्ति को को सफ़ेद …

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बुध गृह और उसकी उपासना

बुध गृह और उसकी उपासना  बुध का जन्म चंद्रमा के गुरुथे देवगुरु बृहस्पति। बृहस्पति की पत्नीतारा चंद्रमा की सुंदरता पर मोहितहोकर उनसेप्रेम करनेलगी। तदोपरांत वह चंद्रमा के संगसहवास भीकर गईएवं बृहस्पति को छोड़ही दिया।बृहस्पति केवापस बुलाने पर उसनेवापस आनेसे मनाकर दिया, जिससे बृहस्पति क्रोधित होउठे तबबृहस्पति एवंउनके शिष्यचंद्र केबीच युद्धआरंभ होगया। इसयुद्ध मेंदैत्य गुरु शुक्राचार्य चंद्रमा कीओर होगये औरअन्य देवताबृहस्पति केसाथ …

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गुरु गृह और उसकी उपासना

गुरु गृह और उसकी उपासना ऐसे बृहस्पति गुरूगुरूवार को बृहस्पति जी की पूजा होती है है जिनको देवताओं के गुरु की पदवी प्रदान की गई है। चार हाथों वाले बृहस्‍पति जी स्वर्ण मुकुट तथा गले में सुंदर माला धारण किये रहते हैं, और पीले वस्त्र पहने हुए कमल आसन पर आसीन रहते हैं। इनके चार …

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तृष्णा

bhaktikathain / kathain / kahaniyan / bhakt तृष्णा मित्र श्री दिलीप पाण्डेय से साभार प्राप्त  माता पार्वती और प्रभु शंकर जी बैठे वार्तालाप कर रहे थे, माता पार्वती जी प्रभु शंकर जी से बोली “प्रभु एक बात पूछना चाहती हूँ अगर आज्ञा हो तो पूंछू” महादेव जी मुस्कुरा कर बोले “हाँ पूंछो देवी “ माता पार्वती जी …

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मेष (Aries) राशि की जानकारी

bhaktikathain / kathain / kahaniyan / bhakt मेष (Aries) राशि की जानकारी राशि चक्र की यह पहली राशि है, इस राशि का चिन्ह ”मेढा’ या भेडा है, इस राशि का विस्तार चक्र राशि चक्र के प्रथम 30 अंश तक (कुल 30 अंश) है। राशि चक्र का यह प्रथम बिन्दु प्रतिवर्ष लगभग 50 सेकेण्ड की गति से …

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भक्ति भक्त प्रह्लाद की

bhaktikathain / kathain / kahaniyan / bhakt भक्ति भक्त प्रह्लाद की  मित्र श्री दिलीप पाण्डे दिल्ली से साभार प्राप्त   बहुत पहले दिति के एक महावीर पुत्र पैदा हुआ था जिसका नाम था हिरण्यकशिपु । उस ने ब्रह्मा जी की घोर तपस्या की और ब्रह्मा जी के दिये वर से त्रिलोकी को अपने वश में कर लिया था …

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ग्रहों की उच्च व नीच स्थिति,

bhaktikathain / kathain / kahaniyan / bhakt ग्रहों की उच्च व नीच स्थिति  प्रिय पाठको जो ज्योतिष की जानकारी आपको दे रहा हूँ उससे आप अपनी जन्म कुण्डली का विश्लेषण खुद कर सकते हैं और ऐसे पाखण्डी बाबाओं से बच सकते हैं जो आपको भ्रमित करते रहते हैं।हमारे वयोबृद्ध एवं आदरणीय श्री बहुगुणा जी ने …

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नक्षत्र और उनके स्वामी

प्रिय पाठकोजयसियाराम, हमारे सौरमंडल में२७ नक्षत्रोंहमारे ऋषिमुनियों नेमाना थाजिनका नामक्रमशः नीचेदिया जारहा हैसाथ हीराशि केनाम केआगे उनकेस्वामियों केनाम भीलेखे हैंजिससे आपकोसमझने मेंसुविधा रहेआप अगरज्योतिष केजानकार बननाचाहते हैंतो आपकोयाद करलेनाहोगा जिससेफल कथनमें काफीसहायता प्राप्तहोती रहेगी। नक्षत्र और उनके स्वामी  नक्षत्र और उनके स्वामी १– अश्विनी (केतु)                 १० – मघा ( केतु )            …

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बारह राशियाँ और उनके स्वामी

कुण्डली विज्ञान बारह राशियाँ और उनके स्वामी  प्रिय पाठको जयसियाराम, जन्म कुण्डली में जो खाने बने होते हैं वो १२  होते हैं और वो सभी खाने १२ राशियों के ही सूचक हैं बारह राशियाँ क्रमशः निम्न प्रकार से होती हैं १. मेष                          २. वृष ३. मिथुन …

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भोगों को भोगते चलो

bhaktikathain / kathain / kahaniyan / bhakt भोगों को भोगते चलो   ये उस समय की बात है जब गोस्वामी तुलसीदास श्री रामचरितमानस लिख रहे थे भगवान श्री राम के परम भक्त श्री बजरंगबली महाराज नित्य प्रातः तुलसीदास जी के पास आते और वो इस रामायण को गाकर सुनाते थे और तुलसीदास जी उसको कलम बद्ध करते जाते …

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कर्ण की मृत्यु के १५ कारण

bhaktikathain / kathain / kahaniyan / bhakt कर्ण की मृत्यु के १५ कारण  १.कर्ण और अर्जुन के पिछले जन्म की कथा का वर्णन पद्म पुराण मे आता है एक बार भगवान ब्रह्मा और महादेव के बीच युद्ध छिड़ जाता है, युद्ध बहुत विकराल रूप ले लेता है महादेव ब्रह्माजी के पांचवें सर को काट देते है। क्रोधित …

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दानवीर कर्ण की कहानी

bhaktikathain / kathain / kahaniyan / bhakt दानवीर कर्ण की कहानी   जब विश्व में द्वापर का अंत होने वाला था और कलयुग का आगमन होने वाला था तब इस पृथ्वी पर बहुत सारे योद्धाओं ने एक ही समय काल में जन्म लिया और साथ में जन्मे कृष्णा रूप में भगवान् नारायण जिन्होंने महाभारत करवा कर सभी पापियों का …

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प्रभु को पहचानो

bhaktikathain / kathain / kahaniyan / bhakt प्रभु को पहचानो एक नदी के किनारे एक गांव बसा हुआ था, उसी गांव में प्रभु श्रीरामजी का बहुत ही रमणीक मंदिर था, उस मंदिर में जो पुजारी जी थे वह प्रभु श्री राम में अथाह श्रद्धा रखते थे, उनकी यह ख्याति बहुत दूर दूर तक थी कि राम मंदिर …

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जब मनुष्य से हारे यम

जब मनुष्य से हारे यम एक बार एक हाथी मर कर यम के दरबार में प्रस्तुत हुआ यम ने उसको बड़े ही गौर से देखा और पूंछा “तुमने अपने प्राण त्यागने में इतना बिलम्ब क्यों किया कि तुमको जबरन खींच कर यहाँ लाना पड़ा” इस पर हाथी बोला “भगवन आप नहीं जानते, ये जो मनुष्य रूपी प्राणी है इसको जाने कौन …

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अर्जुन को रथ, गांडीव व अक्षय तरकस की प्राप्ति

अर्जुन को रथ, गांडीव व अक्षय तरकस की प्राप्ति  मित्रों आप सभी जानते ही होंगे की अर्जुन के पास “गाण्डीव” नामक धनुष था, लेकिन ये धनुष अर्जुन को प्राप्त कैसे हुआ ये आपमें से कई मित्रों को नहीं पता होगा, आइये हम आज इस लेख के माध्यम से आपको ये बताते हैं कि अर्जुन को …

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भक्ति भोले ग्वाले की पार्ट ३

कथा–१ भाग –३ ग्वाले की भक्ति पार्ट –३  उसने अंदर जाकर देखा उस बालक के गले मैं जो मुक्ता मणि की माला थी वह माला टूट चुकी थी उसके मुक्ते यहाँ वहां बिखरे पड़े थे उसने आगे देखा कि वह बालक कुछ स्त्रियों  के साथ पागलों की तरह नाच रहा है न उसे तन का होश है न और किसी बात का, ग्वाले ने चुप चाप …

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भक्ति में धैर्य

भक्ति में धैर्य एक समय की बात है एक गांव में एक किसान रहता था उसके घर में माता-पिता, पत्नी,एवं दो बच्चे थे किसान बहुत ही भोला-भाला था पूरी महनत करता और जो खेती से मिलता उसी से परिवार का लालन पालन करता था। एक दिन वो अपने खेत को जोतकर वापस आ रहा था रास्ते …

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काल की गति

काल की गति तुलसी जस भवतव्यता तैसी मिले सहाय ,आप न आवे ताहि पे ताहि तहाँ ले जाए।  अर्थात : तुलसी दास जी कहते हैं कि काल की गति को कोई नहीं रोक सकता जैसी होनी होती है उसी प्रकार होती है काल या तो चल कर प्राणी के पास आ जाता है और अगर काल आ …

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समुद्र मंथन में निकले १४ रत्न

समुद्र मंथन में निकले १४ रत्न  श्री, रम्भा, विष, वारुणी, अमिय, शंख, गजराज। धनु, धन्वन्तरि, कल्पतरु, चाँद, धेनु, मणि, बाज।पंचांग के अनुसार हर साल कार्तिक महीने की कृष्ण पक्ष त्रयोदशी के दिन धनवंतरि त्रयोदशी मनाई जाती है।मान्यता के अनुसार, इसी दिन समुद्र मंथन से भगवान धन्वंतरि प्रकट हुए थे। इसलिए इस दिन भगवान धन्वंतरि की विशेष …

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भक्ति भोले ग्वाले की भाग २

कथा–१ भाग –२ग्वाले की भक्ति पार्ट –२  अब आगे अब गोसाईं जी समझ चुके थे कि ये तो कोई परम भक्त हैं और इनको इस कार्य में लगाना ठीक नहीं है, अतः गोसाईं जी ने ग्वाले को मंदिर की पहरेदारी पर लगा दिया ग्वाला अपने राजा का भजन करता और पूरी सावधानी से रात्रि में मंदिर की रखवाली करता …

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Bhakti Bhole Gwale Ki

भक्ति भोले ग्वाले की भाग १

भक्ति भोले ग्वाले की भाग १ प्रिय पाठको आज हम भक्ति के ऊपर एक कथा लिखने जा रहे हैं जिसका नाम है भक्ति भोले ग्वाले की भाग १ यह कथा थोड़ी लम्बी है अतः इसके अन्य भाग भी जल्दी ही आपके पढ़ने हेतु इस ब्लॉगपोस्ट पर पोस्ट करदिये जायेंगे। भक्ति भोले ग्वाले की भाग १-कथा …

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