सूर्य ग्रह कारक और फल

सूर्य के कारक और फल 

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प्रिय पाठकों को मेरा जयश्रीराम
इस लेख के माध्यम से हम आपको ये बताने के प्रयत्न करेंगे की हमारे सौर मंडल का मुख्य ग्रह सूर्य है और वह कुंडली में सबसे तेज वान है इस सूर्य से कुंडली में क्या क्या विचार किया जाता है ये कुंडली में किस किस का इस्थिर कारकत्व अपने पास रखता है। 
 
सूर्य सौरमण्डल का सबसे शक्तिशाली गृह है ये कुंडली में जब पूर्ण बलाबल के साथ होता है तो जातक का जीवन राजातुल्य बना देता है इसमें कोई भी संदेह नहीं है, हमने इससे पहले वाले लेख में आपको ये बता दिया है कि सूर्य किस प्रकार से कुंडली में बलवान माना जाता है आप लोगों ने अगर इसको नहीं पढ़ा है तो आप हमारे ब्लॉग पर जाकर इसको पढ़ सकते हैं आज आपको इसके स्थाई कारकत्व के बारे और भिन्न भिन्न राशियों में किन किन कार्यों का कारकत्व अपने पास रखता है इस पर चर्चा कर जानकारी देने की हमारी कोशिश है जिससे आपके सम्मुख जब किसी जातक कुंडली आये तो आपको समय व्यतीत न करना पड़े और आप तुरत निष्कर्ष पर पहुंच जाएँ हाँ इसके लिए आपको ये सब याद अवश्य रखना पड़ेगा। 
 

क्या आपकी कुंडली में भी सूर्य देव बैठे हैं लग्न मे, जानिए कैसा देंगे फल ?

 
१. सूर्य कुंडली में आत्मा का कारक है। 
२. सूर्य कुंडली में स्वयं शक्ति का कारक है। 
३. सूर्य कुंडली में  सम्मान का कारक है।
४. सूर्य कुंडली में राजा का कारक है।
५. सूर्य कुंडली में पिता का कारक है। 
६. सूर्य कुंडली में राजनीती का कारक है। 
७. सूर्य कुंडली में हड्डियों का कारक है। 
८. सूर्य कुंडली में चिकित्सा विज्ञानं का कारक है। 
९. सूर्य कुंडली में रोग प्रतिरोधक क्षमता का कारक है। 
१०. सूर्य कुंडली में ह्रदय का कारक है। 
११. सूर्य कुंडली में पेट का कारक है। 
१२. सूर्य कुंडली में पित्त का कारक है। 
१३. सूर्य कुंडली में दाईं आँख का कारक है। 
१४. सूर्य कुंडली में रक्त प्रवाह का कारक है। 
१५. सूर्य गर्मी का कारक है। 
१६. सूर्य बिजली का कारक है। 
 
जब सूर्य कुंडली में मजबूत स्थिति में विराजमान होते हैं तब इन ऊपर लिखे कारकत्व में मजबूती आती है और जातक को शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं, और अगर कहीं सूर्य की स्थिति कुंडली में कमजोर हो तो इन सभी क्षेत्रो में जातक को कमी का सामना करना पड़ता है ये सभी क्षेत्र कमजोर रह जाते हैं। ये जो ऊपर लिखे कारक है ये सूर्य के स्थाई कारकों में आते हैं यानि सूर्य मजबूत है तो इन कारकों में मजबूती और सूर्य कमजोर है तो कारकत्व में कमजोरी देखने को मिलती है। 
 
अब मुझे आशा है अगर सूर्य कुंडली में किस स्थिति में बैठा है ये देख कर हमारे नियमित पाठक निष्कर्ष पर अवश्य पहुँच जायेंगे। 
 
हमारा लक्ष्य समाज में साफ़ छवि के ज्योतिषियों को आगे बढ़ाना है और हम इसके लिए ये लेख प्रसारित करते हैं आपका कोई ज्योतिष से सम्बंधित प्रश्न है तो आप निःसंकोच हमें लिख क्र जानकारी प्राप्त क्र सकते हैं। 
 
 
आप लोग अगर अपनी कुंडली का विश्लेषण करवाना चाहते हैं तो 7983159910 पर संपर्क करके कुंडली विश्लेषण करवा सकते हैं। 
 
आपका आनेवाला दिन शुभ हो जय सिया राम। 
 
ज्योतिष संजीव चतुर्वेदी 
आगरा उत्तर प्रदेश 
+ 917983159910 
 
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