
सूर्य का लग्न भाव में फल
सभी नियमित एवं नए पाठकों को मेरा जयसियाराम,
प्रिय पाठको सूर्य के बारे में चर्चा कर रहे हैं जो की धीरे-धीरे आगे बढ़ रही है जिन पाठकों ने पुराने लेख नहीं पढ़े हैं उनसे मेरा निवेदन है कि वो मेरे ब्लॉग पर लिखे गए पुराने लेखों को भी पढ़े जिससे अब और नए लिखे जाने वाले लेखों को समझने में बहुत सरलता का अनुभव आपको होगा, आज हम अपने पुराने लेख को ही आगे बढ़ाते हुए आपको ये बताने की कोशिश करेंगे की जब सूर्य किसी जातक की कुंडली में लग्न भाव में बैठा हो तो कैसे फल देता है, कुछ पाठक जो ज्योतिष विषय के बारे में ज्यादा नहीं जानते उनकी सुगमता हेतु मैं कुंडली में कौनसा खाना लग्न भाव बोला जाता है ये बता रहा हूँ।
जो ऊपर कुंडली का चित्र बना हुआ दिखाई दे रहा है उसमे कुंडली के सबसे ऊपर केंद्र में जो भाव है उसी को लग्न भाव कहते हैं लग्न भाव की गिनती पहले केंद्र में भी की जाती है और साथ ही साथ ये पहला त्रिकोण स्थान भी है।
लग्न में बैठे सूर्य का फल
जब किसी जातक के जन्म समय में सूर्य गृह लग्न भाव में बैठे होते हैं तो ऐसे जातक
१. स्त्रियों और भाई बंधुओं से संतप्त।
२. पित्त, वायु, रक्तविकार के रोग से पीड़ा पाने वाला।
३. विदेश में व्यापर में धन की क्षति उठाने वाला।
४. कम संतान वाला।
५. जन्म से ही सुखी।
६. निर्दय।
७. कम भोजन करने वाला।
८. नेत्र रोगी।
९. युद्ध में आगे होकर लड़ने वाला।
१०. सुशील।
११. नट।
१२. ज्ञानी।
१३. आचार में मग्न रहने वाला।
१४. मनोहारी नेत्र वाला।
१५. सभी कार्यों में यशस्वी।
१६. स्वातन्त्र प्रिय।
१७. ऊँचा पद पाने वाला।
१८. अगर इसी लग्न भाव में १२ नम्बर लिखा हो ( १२ नम्बर मीन राशि के लिए प्रयुक्त किया जाता है ) यानि मीन राशि हो और तब ये सूर्य लग्न में हों तो ऐसे जातक के अनेक स्त्रियों से सम्बन्ध बन जाते हैं।
१९. अगर इसी लग्न भाव में ५ नम्बर लिखा हो ( ५ नम्बर सिंह राशि के लिए प्रयुक्त किया जाता है ) यानि सिंह राशि हो और तब ये सूर्य लग्न में हों तो ऐसे जातक को रतौंधी रोग होने की प्रवल सम्भावना होती है।
२० जातक बलवान होता है।
- जरूरी है ये भी जानना :समस्त नक्षत्रों के स्वामी
प्रिय पाठको इस लेख से आपकी ये ज्ञात अवश्य हुआ होगा की सूर्य जब लग्न भाव में बैठते हैं तो कैसे फल प्रदान करते हैं ये सूर्य का लग्न भाव में बैठने सामान्य फल है अब आगे के लेखों में आपको क्रम वद्ध तरीके से बताने की कोशिश रहेगी कि प्रत्येक लग्न वो मेष से लेकर मीन पर्यन्त सूर्य लग्न भाव में बैठने पर कैसे फल देगा।
लेखों को पढ़ते रहिये और साथ बने रहिये आगे इस ब्लॉग पर आपको समस्त ज्योतिष ज्ञान से अवगत कराया जायेगा।
इसी के साथ में संजीव चतुर्वेदी आपसे विदा चाहूंगा आपका आने वाला दिन शुभ हो जयसियाराम।
हमारा लक्ष्य समाज में साफ़ छवि के ज्योतिषियों को आगे बढ़ाना है और हम इसके लिए ये लेख प्रसारित करते हैं आपका कोई ज्योतिष से सम्बंधित प्रश्न है तो आप निःसंकोच हमें लिख क्र जानकारी प्राप्त क्र सकते हैं।
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