मेष लग्न में सूर्य का फल

मेष लग्न के पंचम भाव में सूर्य का फल

मेष लग्न में सूर्य का फल

मेष लग्न में सूर्य का फल: प्रिय पाठकों जय सियाराम, आज हम आपकी मेष लग्न हो और सूर्य पंचम भाव में बैठे हों तो, इसका जातक के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ेगा। इसके ऊपर चर्चा करने वाले हैं।

जैसा कि आप लोगों को ज्ञात है मेष लग्न में सूर्य सबसे ज्यादा योगकारक माने जाते हैं,और इसका प्रभाव जातक के जीवन पर भी देखने को मिलता है, इस लग्न में सूर्य पंचम भाव के स्वामी होते हैं।

पंचम भाव का स्वामी सूर्य जब पंचम में हो

जब पंचम भाव का स्वामी होकर सूर्य पंचम भाव में ही विराजमान हो जाता है तो ऐसी स्थिति में ज्योतिष का सूत्र लागू होता है, जिस-जिस भाव का स्वामी अपने भाव को देखें अथवा अपने भाव में बैठ जाएं ऐसी स्थिति में वह अपने भाव की वृद्धी कर देता है, यहां पर सूर्य त्रिकोण का स्वामी है और त्रिकोण में ही विराजमान हैं, यह स्थिति भी सूर्य की अच्छी स्थिति मानी जाती है। यहां पर पंचम भाव से जिन जिन तथ्यों का विचार किया जाता है उन सभी तथ्यों में वृद्धि देखने को मिलती है।

पंचम भाव से किसका विचार करें

कुण्डली का पंचम भाव की गिनती श्रेष्ठ भावों में होती है पंचम भाव कुंडली के त्रिकोण भाव में से एक है पंचम भाव से शिक्षा, संतान, जनता से प्राप्त होने वाला पैसा, उदर भाग, भाग्य आदि का विचार किया जाना चाहिए इसके साथ ही पंचम भाव से वृद्धि का विचार करते हैं, शोधात्मक विषयों का विचार भी पंचम भाव से किया जाता है।

पंचम भाव में सूर्य के फल

जब मेष लग्न हो और सूर्य पंचम भाव में विराजमान हों तब जातक को अच्छी शिक्षा प्राप्त होती है संतान सुख प्राप्त होता है जनता से प्राप्त पैसे की आवक बनी रहती है यानी शेयर बाजार सट्टा लॉटरी या फिर ऐसे कार्य जिसमें कंसल्टेंसी देकर जनता से पैसा लिया जाता है उसमे वृद्धी देखने को मिलती है, उदर भाग का विचार यहीं से किये जाने के कारण ऐसे व्यक्तियों का पेट यानी तोंद निकली हुई दिखाई देती है।

पंचम भाव में सिंह राशि हो और सिंह राशि में सूर्य राहु की युति हो तो क्या फल होते हैं ?

पंचम भाव में सिंह राशि हो और सिंह राशि में सूर्य राहु की युति हो तो बड़े भाई को हानि पहुंचती है।

पंचम भाव से भाग्य का विचार

पंचम भाव शुभ होने के कारण यहां से भाग्य का भी विचार किया जाता है 9 भाव से 9 वां भाव होने के कारण यह भाव भाग्य की व्रद्धि को दर्शाता है यहां पर शिवजी विराजमान होने से भाग्य में वृद्धि देखने को मिलती है पंचम भाव से वृद्धि का ही विचार किया जाता है अगर आप मेष लग्न की है और सूर्य पंचम भाव में विराजमान है ऐसी स्थिति में यह सूर्य वृद्धि दायक होगा, आपको करें कार्यों में जल्दी सफलता मिलेगी और आप उत्तरोत्तर वृद्धि करेंगे।

पंचम भाव में सूर्य शोधात्मक विषयों में सफलता

जिन लोगों की मेष लग्न है और सूर्य पांचवे भाव यानी पंचम स्थान में विराजमान है वह जातक शोधात्मक विषयों में सफलता प्राप्त करते हैं, ऐसे बच्चे शोध आत्मक विषयों में अध्ययन कर सकते हैं उनको सफलता प्राप्त होगी।

पंचम भाव में सूर्य लाभ के दरवाजे खोलते हैं

मेष लग्न है सूर्य पंचम भाव में विराजमान हो ऐसी स्थिति में सूर्य एकादश भाव यानी यहां से लाभ प्राप्त की देखी जाती है उस स्थान पर सप्तम दृष्टि से देखता है यहां पर सूर्य की शत्रु दृष्टि पड़ती है लाभ स्थान में पाप प्रभावी ग्रह बैठ जाएं अथवा दृष्टि डालें ऐसी स्थिति में लाभ के दरवाजे खोलते हैं व्यक्ति को धन की प्राप्ति होती है।

प्रिय पाठको यह लेख बहुत विलंब से आ पाया है, अत्यधिक व्यस्तता के कारण समय से पोस्ट नहीं डाल पाने से आपको जो परेशानी हुई है उसके लिए क्षमा प्रार्थी हूं, मैं भरसक कोशिश करूंगा जल्दी से जल्दी पोस्ट डालता हूं जिससे आप लोगों को परेशानी ना हो इसी के साथ विदा जाऊंगा जय सियाराम।

एस्ट्रोलॉजर संजीव चतुर्वेदी की कलम से 7983159910 आगरा उत्तर प्रदेश।

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