

मेष लग्न के दूसरे भाव में सूर्य देव का फल
मेष लग्न के दूसरे भाव में सूर्य देव का फल मेष लग्न के चार्ट के दूसरे घर में सूर्य के बैठने पर सूर्य पंचम भाव का स्वामी होकर दूसरे भाव में विराजमान होने से वृषभ राशि में बैठा होगा इस स्थिति में व्यक्ति पर कई संभावित प्रभाव डाल सकता है।
भौतिक संपत्ति का है दूसरा घर
दूसरा घर भौतिक संपत्ति, मूल्यों और व्यक्तिगत वित्त से जुड़ा है, इसलिए यहां पर बैठे सूर्य के प्रभाव से व्यक्ति को अपने धन और भौतिक संपत्ति पर भरोसा होता है और वह अपनी सम्पत्ति पर गर्व करने वाला होता है। मेष लग्न के दूसरे भाव में सूर्य देव जब बैठते हैं तो ऐसा जातक धन संचय करने और वित्तीय स्थिरता प्राप्त करने पर भी बहुत ज्यादा ध्यान केंद्रित कर सकता है।
अहंकार देता है मेष लग्न के दूसरे भाव में बैठा सूर्य
सूर्य जब दूसरे भाव में बैठता है तब यह वाणी को भी अपने वश में कर लेता है सूर्य अहंकार और स्वयं के साथ भी जुड़ा हुआ है, इसलिए यहाँ स्थिति सूर्य यह संकेत देता है कि व्यक्ति अपने व्यक्तिगत मूल्यों पर गर्व करता है और आत्म-मूल्य की प्रबल भावना रखता है। ऐसा व्यक्ति अपने संचार और दूसरों के साथ बातचीत में मुखर और आश्वस्त होता है।
मेष लग्न के दूसरे भाव में सूर्य के फल
मेष लग्न के दूसरे भाव में सूर्य देव का फल के रूप में सूर्य की स्थिति स्वयं, आत्मविश्वास, महत्वाकांक्षा, सफलता और मान्यता की इच्छा की प्रबल भावना को जाग्रत करता है जिससे जातक अपने चहुँ और विकास के लिए अत्यधिक प्रयत्नशील रहता है।
मेष लग्न के दूसरे भाव में बैठा सूर्य आर्थिक जोखिम नहीं लेने देता
मेष लग्न के दूसरे भाव में स्थित सूर्य आर्थिक और भावनात्मक रूप से सुरक्षा और स्थिरता की तीव्र इच्छा प्रदान करता है। व्यक्ति स्थिरता को महत्व देता है और अपने जीवन में आर्थिक सुरक्षा को जोखिम रहित बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर सकता है।
इसे भी पढ़ें-