मिथुन राशि का विवरण

मिथुन राशि का विवरण  


AVvXsEhNHM 1smftvORii69TxhbIQE95F37gjIdVdpx1G S0xI 1 9LE5 DPn1ootz9gRu5msRwcu1j2hwNvbVvEvit LAXZ4zj1i7wLrZbZ2WjYR4 dcA2 Cs4ryeErn6apvbdS26 VhuXjKixIbZ0KjpdJmScoseNVFKGv H UzIfILY0JGJSTDDoU7taT=s320

नमस्कार जयसियाराम प्रिय पाठको ! 
            अभी तक आपको वृषभ राशि के बारे में बता दिया है जो पाठक इस ब्लॉग पर नए हैं उनकी सुविधा हेतु मैं बता दूं की भचक्र की पहली राशि मेष का गठन अश्वनी नक्षत्र के चार चरण, भरणी नक्षत्र के चार चरण, और कृतिका नक्षत्र का एक चरण मिलाकर होता है ।
          इसी क्रम में जो दूसरी राशि है उसका नाम वृषभ है उस का गठन कृतिका नक्षत्र के तीन चरण, रोहिणी नक्षत्र के चार चरण, मृगशिरा नक्षत्र के पहले दो चरण से होता है। मेष राशि का भचक्र पर फैलाव 0 से 30 अंश है, और वृषभ राशि का भचक्र पर फैलाव 31 अंश से 60 अंश तक है।
          आज हम इसी कड़ी में तीसरी राशि यानी मिथुन राशि की चर्चा करेंगे, मिथुन राशि ज्योतिष शास्त्र की तीसरी राशि है इसके स्वामी बुध हैं, और इसका निर्माण मृगशिरा नक्षत्र के दो चरण, आद्रा नक्षत्र के चार चरण, और पुनर्वसु नक्षत्र के तीन चरणों को मिलाने के बाद होता है, इस राशि का फैलाव भचक्र के ऊपर 61 अंश से 90 अंश तक है जो नक्षत्र इस राशि के अंतर्गत आते है उनके स्वामी क्रमशः मृगशिरा नक्षत्र का मंगल, आद्रा नक्षत्र का राहु और पुनर्वसु नक्षत्र का गुरु होता है। प्रिय पाठको आपको मै पूर्व वाले लेखों में बता चुका हूं कि प्रत्येक नक्षत्र के चार चरण होते हैं, इनमें से प्रत्येक चरण का मान 3 अंश 20 कला होता है |

इसको भी पढ़ें :इस राशि वालों को शनिदेव देते हैं छप्पर फाड़ के

            मिथुन राशि का उद्भव मिथुन तारामंडल से माना जाता है इसका प्रतीक दो युगल है मिथुन राशि द्विस्वभाव वाली राशि है वायुतत्व, शीर्षोदय, पश्चिम दिशा में बली होती है, वह जातक जिनके जन्म समय में जन्म कुण्डली में चंद्रमा मिथुन राशि के अंतर्गत बैठे होते हैं तो उन जातकों की राशि मिथुन से प्रारम्भ होती है। ऐसे जातक परिवर्तनशील होती हैं और प्रायः देखने में आता है कि वह अक्सर किसी भी कार्य में निर्णय लेने के लिए कठिनाई महसूस करते हैं, अक्सर देखाजाता है कि मिथुन राशि वाले व्यक्ति किसी न किसी असमंजस की स्थिति में बने रहते हैं जिसके कारण उनको बार-बार अपने निर्णय को बदलना पड़ता है मिथुन राशि के जातकों के जो नाम होते हैं वह अगर चंद्रमा मृगशिरा नक्षत्र के पहले अथवा दूसरे चरण में हो तो ऊ, ए आद्रा नक्षत्र के पहले दूसरे तीसरे और चौथे नक्षत्र मे हो तो नाम अक्षर क्रमशः कू, घ, ड, छ और पुनर्वसु नक्षत्र के पहले और दूसरे चरण में उत्पन्न होने पर क्रमशः के, को नाम अक्षर होते हैं। इस राशि में उत्पन्न होने वाले जातकों के लिए शुक्र देव, शनि देव योगकारक होते हैं और बुध सर्वाधिक योगकारक होते हैं क्योंकि के राशीश हैं, यह राशि कुमार राशि है, जाति शूद्र, क्रूर स्वभाव, त्रिधातु प्रकृति की है, इसका प्रभाव कंधे पर होता है इसका रत्न पन्ना है, अनुकूल रंग हरा है, दिवस बुधवार है, इसके अनुकूल देवता गणपति देव हैं, अगर कोई व्यक्ति बुधदेव से पीड़ित है तो उसको गणपति देव की सेवा करनी चाहिए। 

 बुधवार का उपवास रखना चाहिए इस राशि वालों के लिए अनुकूल अंक 5 है अनुकूल तारीखें हैं 5/14/23 इसकी परम शत्रुता कर्क राशि से होती है, इस राशि के व्यक्ति चतुर, निडर और बुद्धिमान होते हैं, यह कुशल व्यापारी, व्यवसायी और वाकपटु होते हैं, इनका निष्ठुर होना एक नकारात्मक तथ्य है। काल पुरुष की कुंडली में मिथुन राशि को तीसरा स्थान प्राप्त है इस प्रकार वह छोटे भाई बहनों और पराक्रम भाव का अधिपत्य अपने पास रखती है। 


  ग्रह 

केतु

शुक्र

सूर्य

चंद्र

मंगल

राहु

गुरु

शनि

बुध

नक्षत्र 

अश्विनी

भरणी

कृत्तिका

रोहिणी

मृगशिरा

आर्द्रा

पुनर्वसु

पुष्य

आश्लेषा

नक्षत्र के नामाक्षर 

चूचेचो ,ला

लीलूलेलो

अ, 

विवू

वेवोका,की

कू,

केकोहि

हुहेहोडा

डीडुडेड़ो

 

नक्षत्र

मघा

पूर्वाफाल्गुनी

उत्तराफाल्गुनी

हस्त

चित्रा

स्वाती

विशाखा

अनुराधा

ज्येष्ठा

नक्षत्र के नामाक्षर

म़ामीमूमे

मोटाटीटू

टे, ढोपापी

पू

पेपोरारी

रूरेरो, ता

तीतूतेतो

नानीनूने

नोयायीयू

 

नक्षत्र

मूल

पूर्वाषाढ़ा

उत्तराषाढ़ा

श्रवण

धनिष्ठा

शतभिषा

पूर्वाभाद्रपद

उत्तराभाद्रपद

रेवती

नक्षत्र के नामाक्षर

येयोभाभी

भू

भे, भोजाजी

खीखूखेखो

गी, गूगे

गोसासीसू

सेसोदा, दी

दू,,

देदोचाची


इस सारणी में केतु गृह के नीचे अश्विनी,मघा,मूल तीन नक्षत्र लिखे हैं इन तीनों नक्षत्र का स्वामी केतु है इसी प्रकार अन्य को भी समझें।  


आज इतना हीआगे के लेखों में इसके आगे की चर्चा करता रहूंगा और आपको ज्योतिष संबंधित जानकारियों से अवगत कराता रहूँगा। वो पाठक जो किसी समस्या से ग्रस्त हैं हमें लिख सकते हैं हम प्रयास करेंगे कि उनके प्रश्नों के उत्तर कमेंट बॉक्स में दे 
आप हमसे Paid Consultation  भी प्राप्त कर सकते हैं जिसके लिए आप नीचे दिए जा रहे नंबर पर संपर्क कर सकते हैं। 

इस लेख में इतना ही आगे आप इन लेखों को पढ़ने के लिए वेबसाइट पर प्रत्येक गुरुवार मध्यरात्रि के बाद विजिट कर सकते हैंआप इस चैनल को फॉलो करिये और हमारे लेखों पर आते रहिये 
मुझे आज्ञा दें अगले लेख में नई जानकारी के साथ प्रस्तुत अगले गुरुवार को मध्यरात्रि के बाद प्रस्तुत रहूँगा तब तक के लिए नमस्कारजयसियाराम। 




7yJ9MgQwI8IaJ99CHnJv1KBESXWuzXnm4W4FodSGnO

Astrologer Sanjeev Chaturvedi

Agra, Uttar Pradesh 

Contact for astrological consultation 7983159910

ज्योतिषीय परामर्श हेतु सम्पर्क करें 7983159910 

Youtube Channel: Astrology A Discovery

Facebook: Astrology A Discovery

Twitter : @astrologerSanju

Instagram : Astrology A Discovery

Mxtakatak : Astrology A Discovery

Email : astrologyadiscovery@gmail.com



आप हमें गूगल पर “Astrologer Sanjeev Chaturvedi” के नाम से भी खोज सकते हैं।  

 You can also search us on Google as “Astrologer Sanjeev Chaturvedi”

 




Astrology And Falit Jyotish

Leave a Reply

Translate »
Scroll to Top
Bhag 1 Mesh Lagna me Dhan yog Today Horoscope 13 Nov 2023 Astrological Yogas Part 1 मेष लग्न में बैठे सूर्य Know Your Galaxy Today Horoscope 14 Nov 2022 Today Horoscope 13 Nov 2022
%d bloggers like this: