
प्रिय पाठकोजयसियाराम,
हमारे सौरमंडल में२७ नक्षत्रोंहमारे ऋषिमुनियों नेमाना थाजिनका नामक्रमशः नीचेदिया जारहा हैसाथ हीराशि केनाम केआगे उनकेस्वामियों केनाम भीलेखे हैंजिससे आपकोसमझने मेंसुविधा रहेआप अगरज्योतिष केजानकार बननाचाहते हैंतो आपकोयाद करलेनाहोगा जिससेफल कथनमें काफीसहायता प्राप्तहोती रहेगी।
नक्षत्र और उनके स्वामी
नक्षत्र और उनके स्वामी
१– अश्विनी (केतु) १० – मघा ( केतु ) १९– मूल ( केतु )
२– भरणी ( शुक्र ) ११– पूर्वाफाल्गुनी ( शुक्र ) २०– पूर्वाषाढा (शुक्र )
३– कृत्तिका (सूर्य ) १२ –उत्तराफाल्गुनी (सूर्य ) २१– उत्तराषाढा (सूर्य )
४–रोहिणी ( चंद्र ) १३ – हस्त ( चंद्र ) २२– अभिजीत श्रवण ( चंद्र )
५– मृगशिरा (मंगल ) १४– चित्रा (मंगल ) २३– धनिष्ठा (मंगल )
६– आर्द्रा ( राहु ) १५– स्वाती ( राहु ) २४ – शतभिषा ( राहु )
७ – पुनर्वसु (गुरु ) १६ – विशाखा ( गुरु ) २५– पूर्वाभाद्रपद (गुरु )
८– पुष्य ( शनि ) १७ – अनुराधा ( शनि ) २६– उत्तराभाद्रपद (शनि )
९ – आश्लेषा ( बुध ) १८– ज्येष्ठा ( बुध ) २७– रेवती (बुध )
अभिजीत नक्षत्र
इन नक्षत्रों के अलावा एक नक्षत्र और भी है जिसका नाम अभिजीत है और जो केवल १९ घटी का होता है इसकी १४ घटी उत्तराषाढ़ा और ५ घटी श्रवण नक्षत्र से ली जाती हैं और मकर राशि के अंदर इसकी गड़ना करते हैं इस नक्षत्र का स्वामी ब्रह्मा जी को माना गया है राम का जन्म अभिजीत नक्षत्र में दोपहर में हुआ था और कृष्णा का जन्म अभिजीत नक्षत्र में मध्यरात्रि को हुआ था।
मेष = अश्विनी के १,२,३,४ चरण, भरणी के १,२,३,४ चरणऔर कृतिकाका १चरण।
वृष = कृतिका के अंतिम २,३,४ चरण, रोहिणी के १,२,३,४ चरण और मृगशिरा के प्रथम १,२ चरण
मिथुन = मृगशिरा के पिछले ३,४ चरण, आद्रा के १,२,३,४ चरण और पुनर्वसु के १,२,३ चरण।
कर्क = पुनर्वसु का ४ चरण, पुष्य के १,२,३,४ चरण और आश्लेषा के १,२,३,४ चरण।
सिंह = मघा के १,२,३,४ चरण, पूर्वाफाल्गुनी के १,२,३,४ चरण और उत्तराफाल्गुनी का १ चरण।
कन्या = उत्तराफाल्गुनी २,३,४ चरण, हस्त के १,२,३,४ चरण और चित्रा के १,२ चरण।
तुला = चित्रा के ३,४ चरण, स्वाति के १,२,३,४ चरण और विशाखा के १,२,३ चरण।
वृश्चिक = विशाखा का ४ चरण, अनुराधा के १,२,३,४ चरण और ज्येष्ठा के१,२,३,४ चरण।
धनु = मूल–नक्षत्र के १,२,३,४ पूर्वाषाढ़ा के१,२,३,४ और उत्तराषाढ़ा का १ चरण।
मकर = उत्तराषाढ़ा का २,३,४चरण, अभिजीत के १,२,३,४ चरण, श्रवण नक्षत्र १,२,३,४ चरण,धनिष्ठा का १,२ चरण।
कुंभ = धनिष्ठा के ३,४ चरण, शतभिषा के १,२,३,४ चरण और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र १,२,३ चरण।
मीन = पूर्वाभाद्रपद का ४ चरण, उत्तराभाद्रपद के१,२,३,४ चरण और रेवती के १,२,३,४ चरण।
किसी पाठक का कोई प्रश्न हो तो कमेंट बॉक्स में पूंछ सकता है अपने ज्ञाननुसार बताने कोशिश करूँगा
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जयश्रीराम
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