गृह और उनके कारक

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गृह और उनके कारक 

सभी ग्रह केकारक उस ग्रहके प्रभावों कोप्रदर्शित करने मेंसहायक होते हैं. नौ ग्रहों मेंसे जब कोईभी ग्रह अपनेप्रभाव देता हैतो उसे समझनेके लिए उसकेकारकों पर दृष्टिडालनी आवश्यक होतीहै अतः जो गृह जिसका विचारक है वो निम्न लिखित है। 

सूर्य ग्रह

आत्मा, स्वयं शक्ति, सम्मान, राजा, पिता, राजनीति,हडिड्यों, चिक्तित्सा विज्ञान, स्वास्थ्य, ह्रदय, पेट. पित्त, दायीं आँख, रक्तप्रवाह में बाधागर्मी तथा बिजलीइत्यादि का विचारक सूर्य होता है। 

चंद्र ग्रह

चंद्रमा मन, माता. मानसिक स्थिति, मनोबल, द्रव्यवस्तुओं, चित्त की प्रसन्नता, जलाशय, यात्रा, सुख-शान्ती धन संपत्ति काशरीर के तरलपदार्थ, रक्त बायींआँख, छाती, दिमागीपरेशानी, महिलाओं में मासिकचक्र इत्यादि का विचारक चंद्र गृह होता है। 

मंगल ग्रह

मंगल साहस, वीरता, शौर्य, शक्ति, क्रोध सेनापति, युद्ध, शत्रुअस्त्रशस्त्र, दुर्घटनाओं, भूमि, अचल संपत्ति, छोटे भाई बहनों, वैज्ञानिक, डाक्टर्स, यान्त्रिक कार्यों, पुलिस, सेना, सिर, जानवरोंद्वारा काटना, दुर्घटना, जलना, घाव, शल्य क्रिया, आपरेशन, उच्च रक्तचाप, गर्भपात इत्यादि का विचारक मंगल गृह होता है। 

बुध ग्रह

बुध ग्रह बुद्धि,चातुर्य, वाणी, मनोविनोद, शिक्षा, गणित, लेखन, तर्कवितर्क, मुद्रण, ज्योतिषविज्ञान, नृत्य एवं नाटक, वनस्पति, व्यापार, मध्यस्थता करानेवाला, मामा, मित्र, संबंधियों, गला, नाक, कान, फेफड़े, आवाजइत्यादि का विचारक बुध गृह होता है। 

गुरू ग्रह

बृहस्पति जी ज्ञान, विद्वता, शिक्षा, धार्मिक कार्यों, श्रेष्ठजनों का, भक्ति, प्राचीन साहित्य, धन संपत्ति, मान सम्मान, पूर्वजों, पुत्र, बडे़ भाई, फल वाले वृक्षों, शरीर में चर्बी, मधुमेह, चिरकालीन बीमारियों, कान, बैंक, आयकर, खंजाची, राजस्व, मंदिर, धर्मार्थ संस्थाएं, कानूनी क्षेत्र, जज, न्यायाल्य, वकील, लेखापरीक्षक, सम्पादक, प्राचार्य, शिक्षाविद, अध्यापक, शेयरबाजार, पूंजीपति, मंत्री, दार्शनिक, निगम पार्षद, ज्योतिषी, वेदो और शास्त्रोंइत्यादि का विचारक गुरु गृह होता है। 

शुक्र ग्रह

शुक्र ग्रह वैवाहिकसंबंधों, पत्नि, इन्द्रिय भोगविलास, यौन विषय, सभी प्रकार कीसुख स्म्पत्ति, आभूषणों, सुंदरता, सुगंधित वस्तुओं, पुष्पों, सजावत के सामान, कलात्मकता, डिजाइनर वस्तुओं, श्वेतरंग के पदार्थोंका, सुन्दर शरीर, बडी आंखे दिखनेमें आकर्षक, घुंघरालेबाल, काव्यात्मक, गानाबजाना, काले बाल, विलासिता, व्यभिचार, शराब, नशीलेपदार्थों, कफमय कमखाने वाला, छोटीकदकाठी, दिखनेमें युवा, गुप्तरोग, आँख, आंतें, अपेंडिक्स, मधुमेह इत्यादि का विचारक शुक्र गृह होता है। 

शनि ग्रह

शनि ग्रह जीवन, आयु, मृत्यु, दुख, दरिद्रता, अनादर, निर्धनता, चापलूस, बीमारी, अनुचित व्यवहार, निम्नस्तर के कार्य,  प्राकृतिकआपदाओं, मृत्यु, बुढापे, रोग, पाप, भय, गोपनीयता, कारावास, नौकरी, विज्ञान नियम, तेलखनिज, कामगार, मजदूर सेवक, सेवाभाव, दासता, कृषि, त्याग, उंचाईसे गिरना,  अपमान, अकाल, ऋण, कठोर परिश्रम, अनाजके काले दाने, लकडी, विष, टांगें, राख, अपंगता, आत्मत्याग, बाजू, ड्कैती, अवरोध, लकडी, ऊन, यम,अछूत, इस्पात, कार्योमें देरी लाना. सेवा विभाग, तेल, खनिज पदार्थों, भूमिसे निकलने वालेपदार्थ, विदेशी भाषा, लोभलालच, अहंकार, चोरी, निर्मम कार, लगंडापन, बुढा़पा, पांव, पंजे कीनसें, लसीका तंत्र, लकवा, उदासी, थकानइत्यादि का विचारक शनि होता है। 

राहु ग्रह

राहु ग्रह पितामह, दादा, विदेश यात्रा, समाज एवं जातीसे अलग लोगों, सर्प, त्वचा रोगों, खुजली, हड्डियां , जहर फैलाना, सर्प दंश, क्रानिकबीमारियां, डरविधवा, दुर्वचन, तीर्थ यात्राओं,  निष्ठुर वाणी युक्त, विदेश में जीवन, अकाल, इच्छाएं, त्वचापर दाग, चर्मरोग, सरीसृप, सांपऔर सांप काजहर, महामारी, अनैतिकमहिला से संबन्ध, नानी, व्यर्थ केतर्क, भडकाऊ भाषण, बनावटीपन,  दर्दऔर सूजन,डूबना, अंधेरा, दु:पहुंचाने वाले शब्द, निम्न जाति, दुष्टस्त्री, जुआरी, विधर्मी, चालाकी, संक्रीण सोच, पीठपीछे बुराई करनेवाले, पाखण्डी, बुरीआदतों का आदी, जहाज के साथजलमण्न होना, डूबना, रोगीस्त्री के साथआनन्द, अंगच्छेदन होना, डूबना, पथरी, कोढ, बल, व्यय, आत्मसम्मान, शत्रु, मिलावट दुर्घटना, नितम्ब, देशनिकाला, विकलांग,  खोजकर्ता, शराब, झगडा, गैरकानूनी, तरकीब से सामानदेश से अन्दरबाहर ले जाना. जासूसी, आत्महत्या, विषैला, विधवा, पहलवान, शिकारी, दासता, शीघ्रउत्तेजित होने इत्यादिका विचारक राहु गृह  होताहै। 

केतु ग्रह

केतु ग्रह रंगबिरंगे धब्बे वाले पशुपक्षिओं का, कुत्ते, मुर्गा सींग वालेपशु, काला जादु, घाव, जीवाणु, वैराग्यएवं मोक्ष, हकलाना, पहचानने में दिक्कत, आंत, परजीवी, उन्माद, कारावास, विदेशी भूमि मेंजमीन, कोढ, दासता, आत्महत्या, नाना, दादी, आंखें, तुनकमिजाज, तुच्छ और जहरीलीभाषा, लम्बा कद, धुआं जैसा रंग, निरन्तर धूम्रपान करने वाला,घाव, शरीरपर दाग, छरहराऔर पतला, दुर्भावपूर्णअपराधी, गिरा हुआ, साजिश, अलौकिक, दर्शनशास्त्र, वैराग्य, आकस्मिक मृत्यु,  बुरीआत्मा, कीडों के कारणहोने वाले रोग, विषैला काटना, धर्म, ज्योतिष, अन्तिम उद्वार, औषधियों काप्रयोग करने वाला, मिलावट करके अशुद्धकरने वाला, गिरफ्तारी, दिवालिया, चोट, मैथुन, अपहरण, खून, विष, सजा, कृमि, चोट, अग्निकाण्ड, हत्या और कृपणताइत्यादि का विचारक होता है। 

प्रिय पाठको ज्योतिष में कारकत्व का बहुत ही महत्व है अतः इसके बिना कोई भी गड़ना अधूरी है। 

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जय श्रीराम  
Astrology And Falit Jyotish

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