
प्रिय पाठकों को ज्योतिष संजीव कुमार चतुर्वेदी का नमस्कार !
जो भी पाठक ज्योतिष विषय में रूचि रखते हैं उनके लिए यहाँ पर जो पाठ हैं उनको आप पढ़ सकते हैं और यूट्यूब पर आप मेरा चैनल “Rahashya Grahona Ka” को सब्सक्राइब कर सकते हैं उसका लिंक में नीचे दे दूँगा जिस विषय के ऊपर यहाँ पर चर्चा होगी उसके ऊपर वीडियो भी बना कर डाला जायेगा अतः आप दोनों प्रकार से इस ज्योतिष ज्ञान रुपी समुद्र में डुबकी लगा सकते हैं।
तो आइये आज कुंडली विज्ञान का प्रथम पाठ जो की कुंडली के लग्न भाव पर आधारित है उसके बारे में जानकारी ले लेते हैं।
लग्न भाव
ऊपर चित्र के माध्यम से ये बताया गया है कि लग्न भाव कौनसा होता है और इसी भाव की गिनती प्रथम केंद्र में भी की जाती है, इस भाव को त्रिकोण में गिनते हैं। इस भाव के द्वारा ही जातक के जीवन के बहुत सारे पहलुओं का विश्लेषण किया जाता है इस भाव से जातक के जीवन से सम्बंधित जिन बातो का विचार किया जाता है वो निम्न प्रकार से हैं।
१. जातक का व्यक्तित्व
२. जातक का स्वरुप
३. जातक का स्वास्थ
४. जातक का चेहरा
इस भाव में कौनसे गृह किस प्रकार का फल प्रदान करते हैं ये अभी बताना उचित नहीं होगा आठ आने वाले लेखों में उचित समय देखकर इसका भी ज्ञान साझा करेंगे।
तो आज के लेख से आप लोगों को ये समझ आया होगा कि कुंडली में कौनसा भाव लग्न भाव कहलाता है और इस भाव के माध्यम से हम जातक के बारे में क्या क्या जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। आगे लेखों में अन्यान्य विषयों पर चर्चा करते रहेंगे।
आप लोग अगर अपनी कुंडली का विश्लेषण करवाना चाहते हैं तो 7983159910 पर संपर्क करके कुंडली विश्लेषण करवा सकते हैं।
आपका आनेवाला दिन शुभ हो जय सिया राम।
ज्योतिष संजीव चतुर्वेदी
आगरा, उत्तर प्रदेश।
Astrology And Falit Jyotish